I Premsukhanand Maheshwari (Peethadhipati, Maheshwari Akhada), have created this poem to be a source of inspiration for myself while working for the society. What is my own feeling while working for the society, and when do any organization, organization's officials, workers, social workers working for the society get the strong and full support of the society, this is a small poem of mine dedicated to this.
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मै प्रेमसुखानन्द माहेश्वरी (पीठाधिपति, माहेश्वरी अखाडा), समाज के लिए कार्य करते हुए मेरे खुद के सामने एक प्रेरणा रहे इसीलिए मैंने इस कविता की रचना की है। समाज के लिए कार्य करते हुए मेरी अपनी भावना क्या है तथा समाज के लिए कार्य करने वाले किसी भी संगठन, संगठन के पदाधिकारी, कार्यकर्ता, समाजसेवकों को समाज का पुरजोर, भरपूर साथ कब मिलता है, इस पर मेरी यह एक छोटीसी कविता समर्पित है।